«  الرجوع   طباعة  »

هل العدد الذي يقول وكان الجميع يشهدون له محرف؟



Holy_bible_1



الشبهة



لوقا 4- 22

٢٢وَكَانَ الْجَمِيعُ يَشْهَدُونَ لَهُ وَيَتَعَجَّبُونَ مِنْ كَلِمَاتِ النِّعْمَةِ الْخَارِجَةِ مِنْ فَمِهِ، وَيَقُولُونَ: "أَلَيْسَ هذَا ابْنَ يُوسُفَ؟"

حذف ديدموس عبارة ( يشهدون له εμαρτυρουν αυτω )

DIDYMUS THE BLIND AND THE TEXT OF THE GOSPELS., Bart D. Ehrman., chapter3., pg.98, (1986).



الرد



الحقيقة على عكس ما يقول المشكك والمرجع الذي ينقل منه فهذا العدد لا يوجد عليه خلاف نصي بين المخطوطات والترجمات القديمة الا في الترتيب فقط. فكلهم تقريبا وهم بالآلاف كتبوا النص التقليدي فيما عدا قلة من المخطوطات كتبت ترتيب مختلف في مقابل الكثير جدا من المخطوطات القديمة التي كتب النص التقليدي ولا يوجد اختلاف حول جملة يشهدون له في الاثنين. فعلى عكس ما يقول المرجع الذي استشهد به المشكك الغير دقيق او غير امين الذي لم يقدم الصورة واضحة

واخفى أن بقية المخطوطات وهم بالآلاف والترجمات القديمة هم كلهم يؤيدون النص التقليدي كما قلت

ولهذا لم تتكلم عنه اغلب كتب النقد النصي لان اصالته لا خلاف عليها مثل بروس متزجر وفليب كامفورت وغيره الكثيرين والبعض فقط أشار الى اختلاف الترتيب.

وكل النصوص اليوناني لا تختلف عليه ولم يحذف أي منها أي مقطع منه ولم يضيفوا عليه أي شيء

وها هي النصوص اليوناني المختلفة

وسنلاحظ ان حتى النسخ التي تضع الاختلافات لم تضعه أصلا كاختلاف

Nestle Greek New Testament 1904
κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον Οχ υός στιν ωσφ οτος;

Westcott and Hort 1881
κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον Οχ υός στιν ωσφ οτος;

Westcott and Hort / [NA27 variants]
κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον Οχ υός στιν ωσφ οτος;

RP Byzantine Majority Text 2005
Κα πάντες μαρτύρουν ατ, κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον, Οχ οτός στιν υἱὸς ωσήφ;

Greek Orthodox Church 1904
κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο κα λεγον· Οχ οτός στιν υἱὸς ωσφ ;

Tischendorf 8th Edition
κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον· οχ υός στιν ωσφ οτος;

Scrivener's Textus Receptus 1894
κα πάντες μαρτύρουν ατ, κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο, κα λεγον, Οχ οτος στιν υός ωσήφ;

Stephanus Textus Receptus 1550
Κα πάντες μαρτύρουν ατ κα θαύμαζον π τος λόγοις τς χάριτος τος κπορευομένοις κ το στόματος ατο κα λεγον Οχ οτος στιν υός ωσφ

Westcott and Hort 1881 w/o Diacritics
και παντες εμαρτυρουν αυτω και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου και ελεγον ουχι υιος εστιν ιωσηφ ουτος

Tischendorf 8th Ed. w/o Diacritics
και παντες εμαρτυρουν αυτω και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου και ελεγον ουχι υιος εστιν ιωσηφ ουτος

Stephanus Textus Receptus 1550
και παντες εμαρτυρουν αυτω και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου και ελεγον ουχ ουτος εστιν ο υιος ιωσηφ

Scrivener's Textus Receptus 1894 w/o Diacritics
και παντες εμαρτυρουν αυτω, και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου, και ελεγον, Ουχ ουτος εστιν ο υιος Ιωσηφ;

Byzantine/Majority Text (2000) w/o Diacritics
και παντες εμαρτυρουν αυτω και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου και ελεγον ουχ ουτος εστιν ο υιος ιωσηφ

Westcott/Hort, UBS4 variants w/o Diacritics
και παντες εμαρτυρουν αυτω και εθαυμαζον επι τοις λογοις της χαριτος τοις εκπορευομενοις εκ του στοματος αυτου και ελεγον ουχι υιος εστιν ιωσηφ ουτος



ولا يوجد في أي فيهم أي حذف και παντες εμαρτυρουν αυτω أي لا يوجد عليه أي اختلاف

(الاختلاف فقط في ترتيب كلمات اليس هذا ابن يوسف

التقليدي ουχ ουτος εστιν ο υιος ιωσηφ

والنقدي ουχι υιος εστιν ιωσηφ ουτος

وأيضا المخطوطات كلها والترجمات القديمة لا يوجد فيها حذف

وفقط امثلة

א A B D L W Ξ E F G H Δ Θ Ψ 0102 0233 f1 f13 33 579 700 89228 157 180 205 565 597 892 1006 1010 1071 1241 1243 1292 1342 1424 1505 Byz Lect al ita itaur itb itc itd itf itff2 itl itq itr1 vg syrs syrp syrh syrpal copsa copbo arm eth geo slav

السينائية

الفاتيكانية

الإسكندرية

واشنطن

بيزا



ولهذا هذا العدد مؤكد اصالته

فعل عكس ما قال المشكك لا يوجد خلاف في المخطوطات عن هذا المقطع في العدد وبهذا الأدلة القوية من المخطوطات تؤكد اصالته

اما عن اقتباسات الإباء

اباء كثيرين جدا اقتبسوا العدد بنصه الذي نعرفه

ولكن ما لم يفهمه المشكك اما عن جهل او يعرفه ويدلس على البسطاء وهو ان الإباء ليس بالشرط ان يقتبسون العدد حرفيا فهم من الممكن ان يختصروا ويقدموا معنى العدد بإضافة شرح وتوضيح

وشرحت سابقا ان الاقتباسات أنواع فكون ان بعض الاباء يقتبسوا بأسلوب فيه شرح هذا لا يشهد على تحريف العدد على الاطلاق

انواع الاقتباسات

1 اقتباسات نصية

هو الذي يقتبس النص كما هو لفظيا فيلتزم بالنص والمعني معنا

2 اقتباسات ضمنية

هو الذي ياخذ المضمون بدون الالتزام باللفظ

3 اقتباسات بسيطة

والاقتباس البسيط هو الاقتباس من شاهد واحد فقط ويكون واضح انه ياخذ مقطع من سفر فقط بطريقه واضحة

4 اقتباسات مركبه

الاقتباس المركب هو الذي يستخدم فيه المستشهد بأكثر من عدد وأكثر من مقطع ويضعهم في تركيب لغوي مناسب ويوضح المعني وبخاصه النبوات بطريقه رائعة

5 اقتباسات جزئيه

جزئي اي يقتبس مقطع قصير الذي يريده فقط من منتصف العدد وهو قد يصل من القصر الي ان يكون كلمة واحده طويله من نوعية الكلمات المركبة او كلمتين يوضحوا معني مهم او أكثر

6 واقتباسات كليه

اي يقتبس مقطع كامل سواء عدد او أكثر وقد يصل الي خمس اعداد في بعض الاقتباسات وهو يقصد به ان ينقل الفكرة الكاملة وغالبا يستخدم في التأكيد على تحقيق نبوة كامله بكل محتوياتها

وبالإضافة الي الستة انواع التي مضت هناك انواع مشتركه بمعني اقتباس لفظي مركب او ضمني كلي وغيره

وايضا انواع معقده مثل ان يكون مركب من جزء لفظي وجزء ضمني وهكذا

فلماذا المشككين يفترضوا ان الاقتباسات لفظية كلية فقط؟

فواضح ان القديس ديدموس الضرير الذي لا يقتبس نقلا ولكن من الذاكرة ويقتبسه فهو يتكلم من الذاكرة فحذف تعبير يشهدون له هو لا يعتبر شاهد على خطأ في العدد أصلا ولكن هو كما قلت هو يتكلم من الذاكرة

ولكن كثير من الإباء اقتبسوه لفظي

فهذه الشبهة توضح لحضراتكم كمثال كيف ان المشككين لا يفهمون في النقد النصي ولا في أنواع الاقتباسات بل هؤلاء لم يراجعوا ما يقوله الاباء مع النص اليوناني او راجعوا ودلسوا لان الكذب حلال لنصرة اسلامهم. فارجوا ان لا تثقوا فيما يقولوا وتراجعوا ورائهم لأنهم يعتمدوا على ان امة اقراء لا تقرء ولا تفهم. فلن يراجع أحد ورائهم ما يقولونه من كذب.

ولكن كتابنا المقدس يوجد علماء رائعين دققوا في كل كلمة بل أيضا دققوا في كل اقتباس لكل قديس وكل هذا مقدم في المراجع الضخمة



والمجد لله دائما