ومن يعترف بالابن، فله الآب أيضا 1 يو 2 : 23
Holy_bible_1
الشبهة
المشكلة الأولي:
بساطة إنتقال الأخطاء في أغلبية المخطوطات
هي أحد أهم المشاكل النقدية التي تواجه النص المُقدم من أغلب المخطوطات ، إنها بساطة إنتقال الأخطاء العرضية والعمدية بتلك المخطوطات ، بمعني أبسط فإن الفساد العرضي يمكن ان يتواجد فعلاً في أغلب المخطوطات بالشكل الذي يُظهر التاريخ النصي للمخطوطات بالكنائس يبدو وكأنه قد قام علي نص فاسد اصلاً.
الأمر الذي أشار اليه العالم " أدولف " قائلاً:
(( لكن الحقيقة الأكثر أهمية هي ان الكنيسة المسيحية عاشت لقرون عديدة بالرغم من ذلك علي نص مقدس فاسد جداً ، ولن تمتلك واحداً خالياً ابداً من الأخطاء ))1
واحد من أشهر الأمثلة للدلالة علي بساطة إنتقال القراءة الفاسدة في الكم الأكبر من المخطوطات اليونانية هو المثال النقدي برسالة يوحنا الأولي 2/23:
(( كل من ينكر الابن ليس له الاب ايضا ومن يعترف بالابن فله الاب ايضا ))
وفقاً لكافة الترجمات العربية كالفاندايك والمشتركة والكاثوليكية واليسوعية الحديثة والبولسية والحياة والأخبار السارة فما خط بالأحمر ثابت بلا إختلاف فيه.2
إلا ان المشكلة الحقيقة في ذلك النص هي ان ما خط بالاحمر محذوف في اغلب المخطوطات اليونانية المكتشفة ، والتي يقدرها علماء النقد النصي بما يقارب الـ402 مخطوط يوناني من أهمها ( بما يعادل نسبة 78% من إجمالي المخطوطات اليونانية التي تحوي هذا المقطع من رسالة يوحنا):3
K |
L |
049 |
056 |
0142 |
1 |
2 |
3 |
4 |
6 |
|
18 |
35 |
38 |
42 |
43 |
51 |
57 |
62 |
69 |
76 |
|
81 |
82 |
88 |
90 |
93 |
97 |
102 |
103 |
105 |
110* |
|
122 |
131 |
133 |
141 |
142 |
149 |
172 |
175 |
177 |
180 |
|
181 |
189 |
201 |
203 |
204 |
205 |
209 |
216* |
221 |
226 |
|
234 |
250* |
256 |
263 |
302 |
308 |
309 |
314 |
319 |
325 |
|
327 |
328 |
330 |
337 |
356 |
363 |
365 |
367 |
368 |
378* |
|
383* |
384 |
385 |
386 |
390 |
393 |
394 |
400 |
404 |
421 |
|
424* |
425 |
431 |
432 |
440 |
450 |
451 |
454 |
456 |
457 |
|
458 |
460 |
462 |
465 |
466 |
467* |
468C |
469 |
479 |
483 |
|
489 |
491 |
496 |
498 |
506 |
517 |
546 |
582 |
592 |
601 |
|
602 |
603 |
604 |
605 |
606 |
607 |
608 |
610 |
615 |
616 |
|
617 |
618 |
619 |
620 |
622 |
625 |
627 |
628 |
629 |
631 |
|
632 |
633 |
634 |
635 |
636 |
637 |
638 |
639 |
641 |
642 |
|
656 |
664 |
665 |
680 |
699 |
743 |
757 |
794 |
796 |
801 |
|
824 |
832 |
876 |
910 |
912 |
913 |
914 |
915 |
917 |
919 |
|
920 |
921 |
922 |
927 |
928 |
935 |
941 |
945 |
986 |
997 |
|
999 |
1003 |
1040 |
1058 |
1066 |
1070 |
1072 |
1075 |
1094 |
1099 |
|
1100 |
1101 |
1102 |
1104 |
1105 |
1107 |
1115 |
1149 |
1161 |
1162 |
|
1175 |
1240 |
1241 |
1242 |
1244 |
1247 |
1248 |
1249 |
1250 |
1251 |
|
1270 |
1297 |
1311 |
1315 |
1319 |
1354 |
1369 |
1367 |
1384 |
1398 |
|
1400 |
1404 |
1405 |
1424 |
1456 |
1482 |
1495 |
1501 |
1503 |
1508 |
|
1548 |
1573 |
1594 |
1595 |
1597 |
1598 |
1599 |
1609 |
1610 |
1617 |
|
1618 |
1619 |
1622 |
1626 |
1628 |
1636 |
1637 |
1642 |
1646 |
1656 |
|
1668 |
1673 |
1702 |
1704 |
1717 |
1719 |
1720 |
1721 |
1722 |
1723 |
|
1724 |
1725 |
1726 |
1727 |
1728 |
1729 |
1730 |
1731 |
1732 |
1733 |
|
1734 |
1736 |
1737 |
1738 |
1740 |
1741 |
1742 |
1743 |
1744 |
1745 |
|
1746 |
1747* |
1748 |
1749 |
1750 |
1752 |
1753 |
1754 |
1757 |
1759 |
|
1761 |
1762 |
1763 |
1765 |
1767 |
1768* |
1769 |
1780 |
1827 |
1829 |
|
1830 |
1832 |
1832 |
1835 |
1839 |
1840 |
1841 |
1845 |
1847 |
1849 |
|
1850 |
1851 |
1853 |
1854 |
1855 |
1856 |
1857 |
1858 |
1859 |
1860 |
|
1861 |
1862 |
1863 |
1864 |
1865 |
1867 |
1868 |
1869 |
1870 |
1871 |
|
1872 |
1873 |
1874 |
1875 |
1876 |
1877 |
1880 |
1882 |
1885 |
1886 |
|
1888 |
1889 |
1890 |
1891 |
1892 |
1893 |
1894 |
1895 |
1896 |
1897 |
|
1899 |
1902C |
1903 |
2085 |
2086* |
2125 |
2127 |
2131 |
2143 |
2186 |
|
2191 |
2194 |
2201 |
2218 |
2221 |
2242 |
2243 |
2255 |
2261 |
2279 |
|
2288 |
2289 |
2310 |
2318 |
2352 |
2356 |
2378 |
2404 |
2423 |
2431 |
|
2466 |
2483 |
2484 |
2492 |
2494 |
2501 |
2502 |
2508 |
2516 |
2527 |
|
2554 |
2558* |
2587 |
2625 |
2626 |
2627* |
2653 |
2674 |
2675 |
2691 |
|
2696 |
2704 |
2705 |
2712 |
2716 |
2718S |
2723 |
2736 |
2746 |
2774 |
|
2776 |
2777 |
في حين فإن تلك الفقرة ( ومن يعترف بالابن فله الاب ايضا ) ثابتة فقط فيما يقارب الـ116 مخطوط يوناني4 أي بما يعادل نسبة 22% من إجمالي المخطوطات اليونانية التي تحوي هذا المقطع من رسالة يوحنا الأولي :
א |
A |
B |
C |
P |
Ψ |
5 |
33 |
36 |
61 |
|||||||
94 |
110C |
206 |
216C |
218 |
223 |
250C |
254 |
296 |
307 |
|||||||
312 |
321 |
322 |
323 |
326 |
378C |
383C |
398 |
429 |
436 |
|||||||
442 |
444 |
452 |
453 |
464 |
467C |
468* |
522 |
614 |
621 |
|||||||
623 |
630 |
643 |
676 |
720 |
808 |
901 |
918 |
959 |
996 |
|||||||
1022 |
1067 |
1069 |
1103 |
1106 |
1127 |
1243 |
1245 |
292 |
1352 |
|||||||
1359 |
1390 |
1409 |
1448 |
1490 |
1505 |
1509 |
1521 |
1523 |
1524 |
|||||||
1563 |
1611 |
1643 |
1649C |
1661 |
1678 |
1718 |
1735 |
1739 |
1747C |
|||||||
1751 |
1768C |
1828 |
1831 |
1837 |
1844 |
1852 |
1881 |
1902* |
2080 |
|||||||
2086C |
2130 |
2138 |
2147 |
2197 |
2200 |
2298 |
2344 |
2374 |
2400 |
|||||||
2412 |
2464 |
2475 |
2495 |
2511 |
2523 |
2541 |
2544 |
2652 |
أيهما هي القراءة الأصح ؟!
حذف الفقرة وفقاً لأغلب المخطوطات اليونانية ( 78% )
إثبات الفقرة وفقاً لأقلية المخطوطات اليونانية ( 22% )
بعض العلماء ممن يدافعون بإستماته عن مقولة " دع الأرقام تتحدث " فإنهم يرون هنا ان أغلب المخطوطات هنا تحمل القراءة الصحيحة ( حذف الفقرة ) بإعتبار أن:
(( بعض 20% من المخطوطات اليونانية يضيف " ومن يعترف بالابن فله الاب ايضا " بالإضافة الي أغلب الترجمات ، بإفتراض ان يوحنا يشير هنا الي ان إنكار سواء الآب او الإبن مدعاه الي إنكار كلاهما - فإن تلك الإضافة غير ضرورية - الـ80% التي تتضمن الخط الأفضل للنقل النصي هي الأصح. ))5
لكن علماء النقد النصي لا يرون ذلك الإفتراض من قبل ( بيكرينج ) صحيحاً نظراً لتمتع قراءة الإثبات بدعم جغرافي من الترجمات المختلفة ( كاللاتينية والقبطية والسريانية ).6
فضلاً عن أن أقدم مخطوطات تحذف تلك الفقرة مثل { K, L } تعودان الي القرن التاسع عكس قراءة الإثبات التي تتمتع مخطوطاتها بالقدم مثل المخطوط السينائي والفاتيكاني.
الأمر الذي جعل " توماس جرين " يؤكد قائلاً:
(( علي تلك الخلفيات – الداخلية والخارجية – فإن الفقرة قد يعترف بها داخل النص بدون تردد ))7 ، لكن الأمر المُربك هنا ليس مرتبطاً في شقه الأساسي بالدليل الخارجي المعتمد علي المخطوطات وإنما في حقيقة إجماع الجل الأعظم من علماء النقد النصي ( كجريسباخ ونستل وويستكوت وهورت ولا تشمان وتشندروف وميرك والفورد وتريجليز وعلماء نسخة Nestle-Aland 27th وعلماء نسخة UBS4وعلماء النسخة الإنجليزية NetBible وكل الترجمات العربية والإنجليزية ) علي صحة إثبات تلك الفقرة بنص رسالة يوحنا الأولي وفساد شهادة الأغلبية العظمي من المخطوطات اليونانية ، فوفقاً للعالم النقدي ( بروس متزجر ) فإن وقوع الحذف في اغلبية المخطوطات راجع الي:
(( عندما قفزت عيني الناسخ بشكل عفوي لتتجاوز الكلمات من "to.n pate,ra e;cei – الاب ايضا " في النصف الأول من العدد الي نفس الثلاثة كلمات بنهاية العدد )).8
وهو ذلك النوع من الأخطاء النسخية العفوية والتي تُسمي ( homoeoteleuton ) اي النهايات المتشابهة9 ، الأمر الذي يعني ان تأصيل صحة تلك الفقرة في الكتاب المقدس يعني:
أغلب المخطوطات يمكن ان ينتشر فيها الخطأ العرضي بشكل ملفت للنظر !!
التوافق المخطوطي الكبير " المُمثل دائماً من قبل النص البيزنطي " علي قراءة ليس بالضرورة ان يكون في صالح صحة تلك القراءة نظراً لأن ذلك التوافق قد يكون مبنياً في جوهرة علي خطأ نسخي !!
علماء النسخة الإنجليزية NetBible يوافقون علي تلك الحقائق من خلال القول:
(( مثل تلك القراءات تُظهر النص البيزنطي وكأنه نشأ " رسالة يوحنا الأولي علي الأقل ومن المُحتمل الرسائل العامة " من نموذج أصلي وحيد )).10
وبشكل اكثر بساطة فإن صحة تلك الفقرة يعني ان مقولة " دع الأرقام تتحدث " لا تصلح في تقديم الموثوقية للنص المقدس الذي تتضمنه الأغلبية العظمي من المخطوطات اليونانية ، نظراً لأن النص المُقدم من خلالها حتي وإن كان فاسداً فإنه يلاقي الترحيب الكامل به داخل التقليد النصي للعهد الجديد.11
الرد
التراجم المختلفة
التراجم العربي
الفانديك
23 كُلُّ مَنْ يُنْكِرُ الاِبْنَ لَيْسَ لَهُ الآبُ أَيْضاً، وَمَنْ يَعْتَرِفُ بِالاِبْنِ فَلَهُ الآبُ أَيْضاً.
الحياة
23 وكل من ينكر الابن، لا يكون الآب أيضا من نصيبه. ومن يعترف بالابن، فله الآب أيضا.
السارة
23 من أنكر الابن لا يكون له الآب، ومن اعترف بالابن يكون له الآب.
اليسوعية
23 كل من أنكر الابن لم يكن الآب معه. من شهد للابن كان الآب معه.
المشتركة
1يو-2-23: مَنْ أنكَرَ الابنَ لا يكونُ لَه الآبُ، ومَنِ اعترَفَ بالابنِ يكونُ لَه الآبُ.
البولسيه
1يو-2-23: كلُّ مَنْ يُنكِرُ الابنَ، ليسَ لهُ الآب؛ مَنْ يَعترِفُ بالابنِ فَلَهُ الآبُ أَيضًا.
الكاثوليكية
1يو-2-23: كُلُّ مَن أَنكَرَ الاِبْنَ لم يَكُنِ الآبُ معَه. مَن شَهِدَ لِلابْن كانَ الآبُ معَه.
وكلهم بهم هذه الجمله رغم ان مرجعيتهم تختلف
التراجم الانجليزي
1Jn 2:23
(ASV) Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father: he that confesseth the Son hath the Father also.
(BBE) He who has no belief in the Son has not the Father: he who makes clear his belief in the Son has the Father.
(Bishops) Whosoeuer denyeth the sonne, the same hath not the father But he that knowledgeth the sonne, hath the father also.
(CEV) If we reject the Son, we reject the Father. But if we say that we accept the Son, we have the Father.
(Darby) Whoever denies the Son has not the Father either; he who confesses the Son has the Father also.
(DRB) Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father. He that confesseth the Son hath the Father also.
(ESV) No one who denies the Son has the Father. Whoever confesses the Son has the Father also.
(FDB) Quiconque nie le Fils n'a pas non plus le Père; celui qui confesse le Fils a aussi le Père.
(FLS) Quiconque nie le Fils n'a pas non plus le Père; quiconque confesse le Fils a aussi le Père.
(GLB) Wer den Sohn leugnet, der hat auch den Vater nicht; wer den Sohn bekennt, der hat auch den Vater.
(GNB) For those who reject the Son reject also the Father; those who accept the Son have the Father also.
(GSB) Wer den Sohn leugnet, der hat auch den Vater nicht; wer den Sohn bekennt, der hat auch den Vater.
(GW) Everyone who rejects the Son doesn't have the Father either. The person who acknowledges the Son also has the Father.
(ISV) No one who denies the Son has the Father. The person who acknowledges the Son also has the Father.
(KJV) Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father: (but) he that acknowledgeth the Son hath the Father also.
(KJV-1611) Whosoeuer denieth the Sonne, the same hath not the Father: but he that acknowledgeth the Sonne, hath the Father also.
(KJVA) Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father: (but) he that acknowledgeth the Son hath the Father also.
(LITV) Everyone denying the Son does not have the Father. The one confessing the Son also has the Father.
(MKJV) Everyone who denies the Son neither has the Father. The one confessing the Son also has the Father.
(Murdock) And he that denieth the Son, also believeth not the Father. He that confesseth the Son, confesseth also the Father.
(RV) Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father: he that confesseth the Son hath the Father also.
(Webster) Whoever denieth the Son, the same hath not the Father: but he that acknowledgeth the Son hath the Father also.
(WNT) No one who disowns the Son has the Father. He who acknowledges the Son has also the Father.
(YLT) every one who is denying the Son, neither hath he the Father, he who is confessing the Son hath the Father also.
وكل التراجم وضعة الجمله
التراجم التي حزفت الجمله
(EMTV) Everyone who denies the Son does not have the Father either.
واحده فقط
العدد يقول
(GNT-TR) πας ο αρνουμενος τον υιον ουδε τον πατερα εχει ο ομολογων τον υιον και τον πατερα εχει
pas o arnoumenos ton uion oude ton patera echei o omologōn ton uion kai ton patera echei
ولدراسته في المخطوطات كما قدم المشكك
وكما قدم المشكك هي موجوده فعلا في الاتي
السينائية
وصورتها
وصورة العدد
ونري كلمة
ο ομολογων τον υιον και τον πατερα εχει
وَمَنْ يَعْتَرِفُ بِالاِبْنِ فَلَهُ الآبُ أَيْضاً
الفاتيكانية
وصورتها
وصورة العدد
ونري كلمة
ο ομολογων τον υιον και τον πατερα εχει
وَمَنْ يَعْتَرِفُ بِالاِبْنِ فَلَهُ الآبُ أَيْضاً
الاسكندرية
صورتها
وصورة العدد
ونري كلمة
ο ομολογων τον υιον και τον πατερα εχει
وَمَنْ يَعْتَرِفُ بِالاِبْنِ فَلَهُ الآبُ أَيْضاً
وهو غير موجود كما كتب في مخطوطات حاول ان يقتعنا انها كثير ولكن المخطوطات التي كتبها تتبع لمجموعه واحده يرمز لها بالرمز
وتعد في النقد النصي كمجموعه واحده فقط Byz
فهو حاول ان يقنعنا انهم 402 والحقيقه هم يعدوا ثلاث فقط
L K Byz
واقدمهم يعود لما بعد القرن التاسع
وهو اوضح انها موجوده في 112 مخطوطه يوناني وحاول ان يقنعنا ان نسبتها قليله و لكن ليس هذه الحقيقه فهذه المخطوطات اقدم بكثير وتعد فرادي
لذلك فهي ليست نسبه 402 حزف الي 112 سليمه ولكن هي نسبة 3 حزف الي 112 سليمه
وليس ذلك فقط فهو يوجد بالاضافه الي اليوناني التي تعود الي القرن الرابع يوجد ايضا في مخطوطات كثيره جدا من غير اليوناني مثل
اولا الترجمات اللاتيني
اولا اللاتينيه القديمه
كل المخطوطات للترجمه اللاتينيه القديمه التي يرجع زمنها لاوائل القرن الثاني الميلادي التي تحتوي علي العدد تحتوي عليه كامل
وايضا ترجمة الفلجاتا للقديس جيروم
ونصها
(Vulgate) omnis qui negat Filium nec Patrem habet qui confitetur Filium et Patrem habet
وترجمتها
2 |
23 |
Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father. He that confesseth the Son hath the Father also. |
omnis qui negat Filium nec Patrem habet qui confitetur Filium et Patrem habet |
ولها مخطوطات ما يزيد عن 9000 مخطوطه لهذه الترجمه وكل المخطوطات للفلجاتا التي تحتوي علي هذا العدد تحتوي عليه كامل فيما عدا واحده فقط وهي
Vgms
وهذا يجعل النسبه التي بها خطا نسبه قليله جدا بالمقارنه بالتي تحتوي علي العدد كامل
ثانيا الترجمات السريانيه
واولهم الاشورية
التي تعود لسن 165 م
وصورتها
وترجمتها المعتمده لجون ويزلي
2:23 He who denieth the Father, denieth also the Son; and he who denieth the Son, disbelieveth also the Father. Whoso confesseth the Son, the Father also confesseth.
وايضا البشيتا الارامي التي تعود للقرن الرابع
ونصها
1
John 2:23 Aramaic NT:
Peshitta
................................................................................
ܘܗܘ
ܕܟܦܪ ܒܒܪܐ ܐܦܠܐ ܒܐܒܐ ܡܗܝܡܢ ܡܢ ܕܡܘܕܐ
ܒܒܪܐ
ܐܦ ܒܐܒܐ ܡܘܕܐ ܀
وايضا ترجمتها للدكتور لمزا تؤكد علي احتوائها للعدد كامل
وكل المخطوطات السريانية التي تحتوي علي العدد . يوجد بها كامل
وهذا يجعل نسبة المخطوطات التي تثبت اصالة العدد الكامل تزداد جدا
وايضا كامل في القبطي الصعيدي والبحيري
ونصه في الصعيدي
ونصه يتطابق تماما مع فانديك
ثم الترجمه الاثيوبية والتي تتعدي مخطوطاتها 2000 مخطوطه والعدد كامل في النسخ التي تحتويه
وايضا الترجمه الارمنيه التي تعود للقرن الخامس والتي تتعدي مخطوطاتها 2500 مخطوطه والعدد كامل في النسخ التي تحتويه
هذا يجعل نسبة الخطا في ثلاث مخطوطات لهذا الكم الكبير من المخطوطات ( يوناني وتراجم مختلفه ) التي تعدت العشرة الاف الاقدم والاكثر والتي تشهد لصحة العدد نسبه لا تذكر
ولو ايضا اراد ان يحتسب البيزنطيه ليس كشهاده واحده ولكن 400 مخطوطه ايضا لازالت النسبه عاليه جدا لصالح العدد الكامل وايضا اقدم وادق
شهاده اخري مهمة
اقوال الاباء
القديس اكليمندوس الاسكندري
150 م – 215 م
Fragments of Clemens Alexandrinus.
وفي شرحه للعدد يقول
Ver. 23. “He who denies the Son,” by ignoring Him, “has not the Father, nor does he know Him.” But he who knoweth the Son and the Father, knows according to knowledge, and when the Lord shall be manifested at His second advent, shall have confidence and not be confounded. Which confusion is heavy punishment.
ANF02
ويؤكد اصالته
العلامه كبريانوس
المتنيح 258 م
That it is impossible to attain to God the Father, except by His Son Jesus Christ.
Also in the Epistle of John: “Whosoever denieth the Son, the same also hath not the Father. He that confesseth the Son, hath both the Son and the Father.”41114111 1 John ii. 23.
ANF05
ويؤكد ان رسالة يوحنا تقول نصا هذا العدد
ويكرر مره اخري ويقول
ضمنيا
That God is so angry against idolatry
John too: “Whosoever denieth the Son, the same hath not the Father; he that acknowledgeth the Son, hath both the Son and the Father.”37313731 1 John ii. 23.
وغيرهم من الاباء مثل العلامه اوريجانوس
وشهداتهم قديمه جدا تؤكد اصالة العدد من القرن الثاني ومابعده
التحليل الداخلي وسبب الحزف بالخطا
العدد يوناني
πας ο αρνουμενος τον υιον ουδε τον πατερα εχει ο ομολογων τον υιον και τον πατερα εχει
pas o arnoumenos ton uion oude ton patera echei o omologōn ton uion kai ton patera echei
ونلاحظ ان هناك تشابه كبير في نهاية كل من نصفي العدد تون باتيرا اكسي
وهذا يجعل الناسخ يخطئ فتقفز عينه من النهاية الاولي الي الثانيه ويحذف ما بينهما خطا
وهذا ينطبق علي العدد
وما اتعجب له ان المشكك ذكر ذلك لكنه لم يعترف به
رغم ان باحثين النقض النصي اكدوا ذلك مثل بروس متزجر وروجر اومانسون وريتشارد ويلسون وفليب كامفورت
ونص كلام بروس متزجر
2.23 o` o`mologw/n … e;cei
Because of homoeoteleuton (to.n pate,ra e;cei … to.n pate,ra e;cei), K L and most minuscules, followed by the Textus Receptus, have accidentally omitted the second part of the verse (o` o`mologw/n … e;cei). The words, however, belong to the original text, being strongly supported by a A B C P many minuscules vg syrp, h copsa, bo arm eth al.
ويؤكد انها فقدت بسبب النهايات المتشابهة
وقبل ان اختم
اريد ان اقوم بالرد علي الاستشهاد الذي الذي استخدمه المشكك
الرد علي ادلة المشكك
كل الادله التي قدمها المشكك تؤكد كلامي وتثبت ان العدد سليم رغم محاولة المشكك الي مخالفة كلماتهم
ولكن اول دليل استخدمه هو الذي يحتاج الرد
قال المشكك الاتي
الأمر الذي أشار اليه العالم " أدولف " قائلاً:
(( لكن الحقيقة الأكثر أهمية هي ان الكنيسة المسيحية عاشت لقرون عديدة بالرغم من ذلك علي نص مقدس فاسد جداً ، ولن تمتلك واحداً خالياً ابداً من الأخطاء ))
وللتعريف
ادولف هذا انسان غير مسيحي بل ايضا ناكر للمسيح تماما وكتاباته معاديه للمسيح والانجيل ويقول ان يسوع ليس المسايا المقبول ولكن المسيحيين جعلوه المسايا ويقول ان العهد الجديد فاسد ومؤلف وهو حاول بكل مجهود معاداة المسيحية
وللتعريف به اضع نص من الموسوعه
Jülicher, along with Johannes Weiss[1], was instrumental in forging a consensus position on the new theory of "Messianic Secret" motif in the Gospel of Mark. Jülicher, William Wrede had theorized that the historical Jesus had not claimed to be the Messiah, but that the early church had claimed that he was.
فكيف اقبل استشهاد من كتاباته المعاديه للمسيحيه ؟؟؟؟؟؟؟؟؟؟؟؟
اما بقية الاستشهادات من التراجم العربي ونستل الاند وبروس متزجر وكتابات الباحثين التي وضعها في الهامش فهي تثبت كلامي وليس تشكيكه
واخيرا
اريد ان اوضح
المشكك حاول ان يتلاعب بقلة خبرة البعض بانه ذكر مخطوطات كثيره جدا يوناني عددهم 400 رغم ان كلهم يندرجوا تحت شهاده واحد هي البيزنطيه
Byz
وهذا لايهام البعض ان المخطوطات التي فيها العدد ناقص كثيره جدا وهذا غير صحيح لان شهادة البيزنطيه شهاده حديثه بعد القرن الثاني عشر وتقيم بشهاده واحده فقط
ولكن اصالة العدد تثبتها مخطوطات يونانيه متنوعه جغرافيا وزمنيا واقدم بكثير واكثر بكثير فتؤكد اصالة العدد الكامل وخطا قراءة الحزف وبالاضافه للترجمات القديمه من بدايه من القرن الثاني وما بعده لادع مجال للمقارنه وتؤكد اصالة العدد الكامل كما اوضحت
وباضافة اقوال الاباء نجد ان الموضوح حسم تماما وبعد ذللك ياتي التحليل الداخلي ليؤكد سبب الخطا واصالة العدد الكامل
والمجد لله دائما
1 An Introduction To The New Testament, Adolf Julicher P589
2 يمكن مراجعة الترجمات العربية من خلال الموقع المسيحي البشارة: http://www.albishara.org
3 Text und Textwert, p139
4 مع إختلافات طفيفة بين 7 مخطوطات منها. { 104, 424 C2, 459, 1649*, 1838, 1842, 2805 }
5 New Translation with comments based on the Majority Text, Wilbur N. Pickering, 1John p2
6 Nestle-Aland 27th, p618
7 A COURSE OF DEVELOPED CRITICISM, Thomas Green, p182
8 Manuscripts of the Greek Bible, Bruce Metzger, p21
9 يري " ديفيد روبيرت بالمير " في ترجمته الالكترونية NTG ص7 ان الحذف خطأ عرضي يعود بشكل واضح للنهايات المتشابهة
10 NetBible, p2240
11 يمكن ملاحظة ذلك من خلال فعل النساخ انفسهم فمثلاً نجد ان النص الأصلي لبعض المخطوطات {468, 1902} كان يتضمن الفقرة إلا ان المُصحح قام بحذف النص في عملية التصحيح ، وهي الإشارة الواضحة الي ان النساخ كانوا علي علم بوجود الفقرة.